arpana dubey

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लेखनी कहानी -15-May-2022

ख्याल

मन  को तू  कर  गया  निराशा
मन को तू दिया  था   जिज्ञासा।
   गमो को भूला कर प्रिये
   बाहों में भरो तुम प्रिये।•
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राह देखूं सदा तुम्हारा ।
मंजिल संगम रहे हमारा।
सुनो भी आहेंं हमारी
ख्याल आये  तुम्हारी।•
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हार कर जीतने की  आशा
नहीं करना हमको निराशा।
रहो सदा हमारे सँग•••••••••••••••
राहें चलेगे हम सँग।•
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सिखा दो इश्क की परिभाषा
मन में है सदैव  अभिलाषा।
दिल की बात सदा समझो
हमको अपना तुम समझो।•

अर्पणा दुबे अनूपपुर।।।।•••••••••
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7 Comments

Reyaan

16-May-2022 12:19 AM

Very nice 👍🏼

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Haaya meer

15-May-2022 11:45 PM

Very nice

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Sachin dev

15-May-2022 11:20 PM

Nice

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